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- Chetna Bhatt: Thank you All for your Love♥️
- priyesh kaneria: WAH….. NICE WROTE
- dave amita: માનવમનને સ્પર્શતી વાત કેટલી સુંદર રીતે કહેવાઈ છે. સરસ !
- HARI: શિક્ષક એ શિક્ષક
- Surangi Mehta: Super duper
- PRIYESH C KANERIA: mast……
- PRIYESH C KANERIA: THANK YOU SIR,
- Ankesh Nimavat: Beautiful….
- vivek: Your post is superb sister
- vivek: કોણ કહે છે હું પોતાના માટે જીવુ છું અે તો હું લોકોના રમવા માટે બન્યો...
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Category Archives: हिन्दी
आशीर्वाद
माँ आँचल तेरा है समुन्दर से गहरा किनारे की अहमियत ही कहाँ थी तू जो है साथ मेरे माँ मुझे बेगानों की ज़रुरत ही कहाँ थी पापा सपनों कि कमी न होने दी आपने ख्वाहिशें हमारी की पूरी खुदके सपनों … Continue reading
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Tagged Aashirwaad, Ashwini, Ashwini Poem, Blessings, Father, Hindi Poem, Mother, Teacher
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विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष – कहाँ पे जाये कचरा … !!
(आज विश्व पर्यावरण दिवस के साथ साथ हम ‘समाजशिल्पी’ ब्लॉग की सातवीं सालगिरह भी मना रहे है. इस अवसर पर इस ब्लॉग के संस्थापक सदस्य मेरे मित्र श्री. आशीष तिलक तथा श्री. भारत भाई भट्ट को, और आप सभी पाठकों, … Continue reading
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Tagged Ashish Tilak, Bharat Bhatt, Pollution, Samajshilpi, WED 2015, Where does the Garbage goes., World Environment Day
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‘किरमिच’ … ( ‘Canvas of Life’ )
समय कि कूंची चली है यादों के दृश्य बिखरे है जिंदगी के ‘किरमिच’ पर आज कई रंग उभरे है रंगीन कुछ कुछ काले, कुछ निखरे कुछ धुन्धलाये लेकिन सब ऐसे, जैसे दिल खोल के जी आये कई जज़्बात इनमे बोल … Continue reading
हौसला
पेंच उलझते जा रहे थे मुश्किलें बढती जा रही थी बर्दाश्तगी छटपटाने लगी थी सांस घुंटने लगी थी लगता था जैसे हर मोड पर साज़िश शतरंज बिछाये है, मैं दांव चल नहीं रहा था और वो जीत कि ग़लतफहमी में … Continue reading
Cleanliness Pledge
स्वच्छता शपथ ( स्वच्छ भारत – एक कदम स्वच्छता की ओर ) महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमे सिर्फ राजनैतिक आज़ादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश कि कल्पना भी थी ! महात्मा … Continue reading
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Tagged Clean India, Clean India Campaign, Mahatma Gandhi, Narendra Modi
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बाज़ार, व्यापार और गणतंत्र !
हम एक ‘गणतंत्र’ है हमारा ‘अपना’ एक ‘मंत्र’ है, हमारी अपनी ‘संस्थाओं’ के प्रति हमारी ‘बेरूखी’ ‘अनोखी’ है, इसीलिए देश में जो कुछ होता है उसमे ‘अपने बाप का क्या जाता है’ ‘होने दो जो होता है’ ‘कौन किसके लिए … Continue reading
जनसंख्या विस्फोट
विश्व पर्यावरण दिवस पर समाजशिल्पी के जन्मदिन पर समाजशिल्पी पर प्रकाशित काव्य: कब यह सब महसूस किया था साथी जीवन में तुमने? प्यार प्रकृति का पाकर कब जीवन धन्य किया तुमने? सुबह सवेरे मुर्गे की कब बांग सुनी थी? बचपन … Continue reading
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भारत नमो नमः !
जब कहीं ‘नयी सड़क’ बनती है, मुझे ‘गतिशील भारत’ नज़र आता है, जब कही ‘नया पूल’ बनता हैं मुझे ‘अवरोध मुक्त जीवन’ कि आशा बंधने लगती है, जल-भराव होने वाली जगहों पर जब नए नए ‘काज-वे’ बनते है, मुझे बाढ़ … Continue reading
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नमो भारतः !!
इसमें कोई शक नहीं रह गया हैं के देश में परिवर्तन कि लहर चल रही है. और पिछले कुछ वर्षों में उत्पन्न हुई ‘राजनितिक’ शून्यता’ और ‘वैचारिक दिवालियेपन’ से देश बाहर भी निकलना चाहता है. इसकी शुरुवात सही मायनों में … Continue reading
Posted in यह जो देश है तेरा.., हिन्दी
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बादल
दूर आसमान में बादल मुझको मतवाला बनाता बादल कभी दिलवाला, कभी अलबेला बादल, ‘मन मोर’ को नचाता, कभी मदहोश कर देता बादल, कभी अटखेलियाँ करता बादल, कभी अकेले ही घटाओंसे लड़ता बादल, झरोखें से मुझको देखता बादल, कभी मेरा पीछा … Continue reading
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