हर गम भूल जाने को कहता है ये दिल,
अब जख्म न सहने को कहता है ये दिल,
टूट चूका ये जितना टूटना था-
अब न ये टूट पायेगा,
अब तो बिखरे टुकडो पे भी,
रोने को न कहता है ये दिल,
आखों के आंसू भी अब तो सुख गए,
दर्द बयां कैसे करें,
पूछता है ये दिल,
जब न थी कोई मंजिल, उन् राहों की,
तो क्यों उन्ही राहों पे चलना चाहता है ये दिल,
अब भी कहीं इन अंधेरों में, रौशनी को ढूंढ कर,
उस रौशनी में ही रहना चाहता है ये दिल,
बयां कर दे तू अपने जख्मोको,
और मिटा दे ये आँखों कि नमी,
फिर भी क्यों दर्द को सहता रहता है ये दिल,
भूलाना चाहे हम, अगर उन पलो को तो क्यों,
उन् पलों को, पुकारता है ये दिल,
आँखों में ये नमी तो तब भी थी, अब भी है,
उस नमी को छुपाने को, कहता है ये दिल,
हर गम भूल जाने को कहता है ये दिल,
अब जख्म न सहने को कहता है ये दिल …..
ashwini tune to badi achi poem likhi hai
अश्विनी , आपके छोटे दिमाग में इतनी बड़ी बड़ी बातें कहा से आती है??? दर्द भरी कविता बहोत ही सुंदरता से प्रस्तुत की हे. 🙂
Nice one dear.. Keep up.. 🙂
thnx aunty…. nd frnds for appreciating me…. always keep your blessings with me.. thnk you…. 🙂
ये दिल.. दीवाना.. दीवाना है ये दिल.. 🙂
Heart always plays such tricks to everyone..
nice!
WO DIL
wo dil hi kya , kanch jaise jo tut jaye.
are dard me hi maza hai , katope koi muze leta jaye .
haye ye ankh fut jayegi , par ansu na nikalenge .
dhadaka jo dil muzame , kalamase labj nikalenge .
la tere bikhare tukadoko ,hum is tarah samazayange .
har chattanse takarake , khudame chattan payange .
kyo dhund rahe ho roshani , suraj khud ban jao .
kaunasa pal bhulana hai ? har pal naya janam lo .
SHARAYAN ( DR. SHREENIWAS RAUT )