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- HARI: શિક્ષક એ શિક્ષક
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- PRIYESH C KANERIA: mast……
- PRIYESH C KANERIA: THANK YOU SIR,
- Ankesh Nimavat: Beautiful….
- vivek: Your post is superb sister
- vivek: કોણ કહે છે હું પોતાના માટે જીવુ છું અે તો હું લોકોના રમવા માટે બન્યો...
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Author Archives: अविनाश (Scrapwala)
तीसरा मोर्चा – ( एक बिखरी हुई कविता )
फिर ‘मोर्चे’ कि बात चली है, फिर ‘मोर्चों’ का मौसम आया है, आओ हम भी एक मोर्चा बनाएँ, आओ एक ‘मोर्चे’ में शामिल हो जायें, नाम चाहे कोई भी रख लो पर भ्रष्टाचार से झोली भर लो, मोर्चा तो एक … Continue reading
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Tagged India, Indian Politics, Indian Society, Third Front
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हर दिन – होली हैं
प्रकृति के रंग अनेक इंसानों के ढंग अनेक सुख दुःख की होती यहाँ आँख मिचौली हैं जीवन के रंग मंच पर तो भाई, हर दिन – “होली हैं”
‘घोटालों’ का ‘नव-युग’ आया . . .
मन में उमड़ रहा ‘घोटालों’ का ‘गुबार’ हैं आओ यारों गाएं हम खुशी के गीत झूमे गाकर अपना राग, अपनी लय, अपनी ताल, और अपना संगीत, देश भी अपना माल भी अपना अपनी ही सरकार अरे मौज उडाओं यारों किस … Continue reading
Yeh Jo Desh Hai Tera ………
प्रजा से अभी भी कोसों दूर – ‘सत्ता’,‘तंत्र’ ! देश आज ६४ वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इन ६४ सालों में निश्चित तौर पर हमने प्रगति की है. विकास हुआ हैं. लेकिन साथ ही साथ हमने ‘मूल्यों’ को खो … Continue reading
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Tagged avinash scrapwala, Bharat, India, Society
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‘तूफ़ान’ से ‘अप-डाउन’
रोज के ‘अप –डाउन’ में वैसे तो कोई दिक्कत नहीं होती, सुबह जाते वक्त समय पर निकलो, तो ‘एस-टी’ बस मिल ही जाती, थोड़ी देर हो जाये तो, बात नहीं कोई, सबके लिए फिर भी, ‘लक्ज़री मिनी बस’ है न … Continue reading
एक नयी आस- एक नयी आश
मुरझाये हुए दिलों को, डूबते हुए हौंसलों को, सोएं हुए जज्बातों को, बुझते हुए सपनों को, हर एक को- एक ही आस एक नयी आस, एक नयी आश ! सपनों को जो दे नयी उड़ान, जज्बातों मे फूँक दे नयी … Continue reading
Yeh Jo Desh hai tera…….
(भोला, संसद, और ‘भोली जनता’) ‘हमरा ‘भोला’ के संसद में जाने के खबर सुनकर हमारे मन में एक साथ कई विचारों ने हमला बोल दिया. एक तो ऐसे लगा कि हमने आसमान छु लिया हो, या मानो कोई बहोत बड़ी … Continue reading
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पन्नी
मैं एक पन्नी हूँ और भटक रही हूँ यहाँ से वहाँ, वैसे ही जैसे मेरे ‘प्लास्टिक’ परिवार के बाकी सदस्य, फ़ैल रहे है डगर-डगर और भटक रहे हैं नगर-नगर, सह रहीं हूँ मैं लोगों कि बेदर्दी जो मुझे देखके मुंह … Continue reading
Yeh Jo Desh hai tera…….
(… जिन्हें नाज़ हैं ‘संसद’ पर वो कहाँ है,) हमने देखा कि अन्ना के आंदोलन के दौरान पिछले कुछ दिनों में अचानक ‘संसद’ के प्रति कुछ लोगों का प्यार उमड़ आया . संसद कि गरिमा , संसदीय व्यवस्था ,इत्यादि के … Continue reading
Yeh Jo Desh hai tera…….
(लोकतंत्र का ‘अमृत-मंथन’ और ‘नीलकंठ’ अन्ना) ●अन्ना के आंदोलन ने देश में एक भूचाल सा ला दिया है, देश में एक नयी लहर और नव- चेतना का संचार हुआ है. बरसों की निकम्मी व्यवस्था को उखाड फेंकने के लिए देशवासी … Continue reading