(भोला, संसद, और ‘भोली जनता’)
‘हमरा ‘भोला’ के संसद में जाने के खबर सुनकर हमारे मन में एक साथ कई विचारों ने हमला बोल दिया.
एक तो ऐसे लगा कि हमने आसमान छु लिया हो, या मानो कोई बहोत बड़ी चीज़ हासिल कर ली हो,या फिर पल में ऐसे लगा कि मानो अब तो ‘सैयां भये कोतवाल- अब डर कहे का’, अब सारी समस्याएं खत्म, अब तो एक अकेली ‘कलावती’ ही क्यों बाकी विधवाओं को भी सहायता मिलेगी जिनके किसान पतियों ने ‘क़र्ज़ के बोझ’ के कारण अपने ‘शरीर’ से ‘जिंदगी का ही बोझ’ हटाना बेहतर समझा. पर जिन लोगोंके साथ अब भोला बैठने वाला है उनका ख्याल आते ही हम आसमान से सीधे ‘सियासत की मारी लाचार भारतीय जनता’ की धरातल पर गिर पड़े. भोला सही में कुछ कर पायेगा आम जनता के लिए?, क्या किसी सामाजिक समस्या का हल निकल पायेगा?, और क्या भोला चाहकर भी कुछ कर पायेगा अपने समाज या देश के लिए?, ऐसे कई प्रश्न उभर कर आये.
क्योंकि आज भोले का जो मक़ाम इस देश में है वो ‘भगवान’ से कम नहीं है, हमारे देश की जनता ‘भोले’ को भगवान की तरह पुजती हैं. भोले ने बहुत छोटी उम्र में कबड्डी खेलना शुरू किया और अपनी मेहनत से इस खेल में कई उपलब्धियाँ हासिल की. एक तो ये कि हमारा भोला ,कबड्डी के खेल के सारे रिकार्ड जिसके नाम पर है, जो कई साल से कबड्डी खेल रहा है और आगे भी कई साल तक खेलते रहने कि उम्मीद है और ‘बंदे’ में दम भी है, पर अचानक ही हमारी देश कि सरकार ने भोला को राज्य सभा के लिए ‘नामिनेट’ किया तो ‘खुशी’ मनाये कि नहीं यह समझ नहीं आया. भोले जैसा लोकप्रिय व्यक्ति , चाहता तो इस ‘आफर ‘ को ठुकरा भी सकता था. पर भोला जैसे दिखने में ‘मासूम’ वैसे ही दिल का भी ‘अच्छा’ (जान बूझकर ’सच्चा’ शब्द का प्रयोग नहीं कर रहा हूँ), इसलिए चिंता सताती है कि एक से बढ़कर एक ‘घाग’ राजनीतिज्ञों के बीच ‘भोले’ का क्या होगा? , क्या भोला अपने खेल के मक़ाम को बनाये रखते हुए देश कि समस्याएं सुलझाने में भी कुछ मदद कर पायेगा?
भोला चाहता तो चुनाव लड़ता और जीतकर ही संसद में जाता और फिर लड़ता हम जैसे गरीब लोगो के लिए. क्या है न, आखिर हम तो ठहरे ‘कामन मैन’, ले देकर हमारा ध्यान वही ‘पानी’,’बिजली’,’सड़क’,’बच्चों की पढाई’, ‘सुकून’ कि ‘जिंदगी’, इसी पर अटक जाता है, वर्तमान को ही सँवारने में लगे रहते है, ‘फुचरवा’ का सोचते नही है, स…… हम तो बस हर ‘हीरो’ में ‘मसीहा’ ढुंढने लगते है, जो ‘हमारे’ बिना कुछ किये, ’हमारे’ लिए, ‘हमारी’ सारी परेशानियां हल करे … जय हो !!!